Nidhi Saxena

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समझ नही आता



 विषय : समझ नहीं आता 
रूप : कविता 


शब्द कैसे लिखूं , क्या लिखूं , और किस विषय पर लिखूं
समझ नही आता 
ज़िंदगी में हुआ इतना कुछ है , 
किस पहलू को लिखूं , समझ नही आता 
कभी अच्छा हुआ , और बहुत कुछ बुरा क्या लिखूं 
कुछ नही समझ आता 

क्या इल्ज़ाम अपनो पर लगाऊं 
और क्या परायों पर 
क्योंकि किसी ने भी तो दिल मेरा कम नहीं दुखाया 
कभी किसी ने सवाल उठाए 
तो किसी ने जवाब मांगे 
इस बारे में क्या लिखूं , कुछ नहीं समझ आता ।
 
कहां से लाऊं वो शब्द जो दिल का दर्द बयां करें 
समझ ही नही आता ।।

     नीर( निधि सक्सैना)

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2 Comments

Sushi saxena

26-Dec-2022 01:07 AM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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Gunjan Kamal

26-Dec-2022 12:14 AM

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति 🙏🏻🙏🏻

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